महाविकास अघाड़ी को 10 दिनों के अंदर दूसरा झटका

सोमवार, 20 जून को महाराष्ट्र विधानपरिषद के लिए हुए चुनाव में बीजेपी ने शिवसेना नेतृत्व महाविकास अघाड़ी गठबंधन को दस दिनों के अंदर दूसरा झटका दिया है। ज़रूरी मत (विधायक) नहीं होने के बावजूद बीजेपी सेना नेतृत्व गठबंधन में क्रॉस वोटिंग की मदद से अपने पांचों उम्मीदवारों को जीत दर्ज कराने में सफल रही।

दस सीटों के लिए हुए चुनाव में बीजेपी ने पांच और महा विकास अघाड़ी गठबंधन की ओर से शिवसेना ने दो, एनसीपी ने दो और कांग्रेस ने एक सीट पर जीत दर्ज की।

10 सीटों के लिए हुए चुनाव में 11 उम्मीदवार के मैदान में होने के कारण दसवीं सीट के लिए चुनाव कराना पड़ा। बीजेपी ने पांच, एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस ने भी अपने दो-दो उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था।

10 सीटों के लिए हुए चुनाव के लिए प्रत्येक सीट पर जीत के लिए जरूरी मत 26 था। बीजेपी के पांचों उम्मीदवारों को जीत दर्ज करने के लिए 130 वोटों की जरूरत थी। जबकि बीजेपी के पास विधायकों की संख्या 106 ही थी। बीजेपी ने महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सेंध लगाते हुए जरूरी मतों से चार वोट ज़्यादा, 134 वोट प्राप्त कर लिया। जिससे बीजेपी के पांचों उम्मीदवार प्रवीण दरेकर, राम शिंदे , श्रीकांत भारती, उमा खापड़े, प्रसाद लड जीत गए।

शिवसेना से सचिन अहीर और अमश्या पदवी , राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के उम्मीदवार एकनाथ खडसे और रामराजे निम्बालकर एवं कांग्रेस से भाई जगताप ने जीत दर्ज की।वहीं कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे को हार का सामना करना पड़ा।

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के 44 विधायक वोटिंग के वक़्त मौजूद थे, लेकिन उसके 41 विधायकों ने ही पहली पसंद के रूप में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस के तीन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की।

इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न मनी लांड्रिंग केस में जेल में बंद एनसीपी के विधायक नवाब मलिक और अनिल देशमुख को महाराष्ट्र विधानपरिषद चुनाव में मतदान की अनुमति नहीं दिया। वहीं शिवसेना के एक विधायक रमेश लटके की मृत्यु के कारण 288 विधकयकों वाली विधानसभा की क्षमता घटकर 285 हो गई, जिसके कारण प्रत्येक उम्मीदवार को जीत के लिए 26 वोटों की जरूरत थी।

संख्याबल के हिसाब से देखें तो शिवसेना के 55, एनसीपी के 51 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। इस हिसाब से कांग्रेस को जीत के लिए 8 और एनसीपी को जीत के लिए एक अतिरिक्त मत की आवश्यकता थी। जबकि शिवसेना के पास 3 मत अधिक थे। वहीं भाजपा को 24 अतिरिक्त मतों की आवश्यकता थी। भाजपा ज़रुरी संख्याबल से ज़्यादा मत जुटाने में सफल रही, जबकि महाविकास अघाड़ी सत्ता में होने के बावजूद अपने विधयकों की भी क्रॉस वोटिंग रोकने में असफल रही।

महाराष्ट्र विधानसभा की छोटी पार्टियों समेत निर्दलीय 29 विधायकों ने इस चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वहीं लगातार दूसरी बार बीजेपी द्वारा सेना गठबंधन में सेंध से अगले कुछ महीने महाराष्ट्र राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

इससे पहले हाल ही में 23 साल बाद सम्पन्न हुए राज्यसभा चुनाव में भी बीजेपी ने महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सेंध लगाते हुए क्रॉस वोटिंग की मदद से अपने तीसरे उम्मीदवार धनंजय महादिक को भी जिताने में सफ़ल रही थी। राज्यसभा चुनाव में शिवसेना के उम्मीदवार संजय पवार को हार का सामना करना पड़ा था।

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