सच ही कहा गया है “जाको राखे साइयां मार सके न कोई।“
छत्तीसगढ़ के पिहारिड़ गांव में मंगलवार देर रात को सौ घंटे से भी ज्यादा समय के बाद 60 फीट नीचे बोरवेल के गड्ढे से राहुल को निकाला गया। गड्ढे में फंसे 10 साल के राहुल को जब रेस्क्यू टीम ने बाहर निकाला तो एक बार फिर संघर्ष और जिंदगी की जीत हुई।
शुक्रवार को जब मूक-बधिर राहुल के पिता लाला राम साहू और माता गीता साहू वापस घर आई। अपने बड़े बेटे को घर पर नहीं पाए जाने के बाद उन्होंने उसे खोजना शुरू किया। कुछ देर बाद पता चला कि राहुल बोरवेल के गड्ढे में गिर गया है। इस गड्ढे को कुछ दिनों पहले ही बोरवेल के लिए खोदा गया था। लेकिन, 80 फीट से भी ज्यादा खोदने के बाद भी पानी की पर्याप्त मात्रा नहीं होने पर बोरवेल को नहीं लगाया गया था।
जिला और राज्य प्रशासन द्वारा शुक्रवार शाम को रेसक्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। शुरू में उन्होंने रस्सी की मदद से ऊपर निकालने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सका। जिसके बाद देर रात एनडीआरएफ और आर्मी की टीम मदद के लिए पहुंची। बोरवेल के समांतर एक सुरंग बनाने के लिए बिलासपुर से चट्टान काटने की मशीन तो वहीं रेसक्यू को जल्द और नुकसानरहित पूरा करने के लिए सरकार ने सूरत के बोरवेल रेसक्यू रोबोट की मदद ली।
खुदाई और खराब मौसम के कारण बोरवेल के लिंकेज में पानी भरने लगा। जिसके कारण राहुल के गर्दन तक पानी भर गया। इसको देखते हुए जिला कलेक्टर जे पी शुक्ला ने सभी ग्रामवासियों से बोरवेल को चालू करने का आदेश दिया ताकि पानी के लेवल को कम से कम रखा जा सके।
सरकारी अधिकारी के अनुसार देर सोमवार को ही राहुल से सात फीट नजदीक बचाव टीम पहुंच गई थी। लेकिन, भूस्खलन की संभावना को देखते हुए एनडीआरएफ टीम ने सात फीट की दूरी बिना किसी मशीन की सहायता से सुरंग बनाया।
राहुल को बोरवेल से सुरंग की मदद से निकालने से पहले पिहारड़ गांव से अपोलो हॉस्पीटल रायपुर के बीच 105 किमी की ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया गया। जिससे राहुल को स्वास्थय जांच के लिए अस्पताल तक जल्द से जल्द ले जाया जा सके।
राहुल को बोरवेल से निकालने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा “आज पूरा छत्तीसगढ़ उत्सव मना रहा है। राहुल जल्द अस्पताल से पूरी तरह ठीक होकर लौटे, हम सब की कामना है।“
इस पूरे ऑपरेशन को सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद मॉनिटरिंग कर रहे थे। इस दौरान वो परिवार के सदस्य से बातचीत के वीडियो अपलोड कर लोगों से दुआ करने की अपील कर रहे थे।
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